केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2027 की जनगणना (Census 2027) से संबंधित एक बड़ा फैसला लिया है। यह भारत की अब तक की पहली पूरी तरह डिजिटल जनगणना होगी।यहाँ मुख्य निर्णय और विवरण दिए गए हैं:
प्रमुख स्वीकृति और बजट की मंजूरी: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनगणना 2027 के लिए ₹11,718.24 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है।महत्व: यह आजादी के बाद आठवीं और भारत की श्रृंखला में 16वीं जनगणना होगी।
जनगणना की प्रमुख विशेषताएँ (Fully Digital Census)पूरी तरह डिजिटल (First Digital Census): यह देश की पहली पूरी तरह डिजिटल जनगणना होगी।
मोबाइल एप्लिकेशन: डेटा संग्रह के लिए एक बहुभाषी (multi-lingual) मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग किया जाएगा।
स्वयं-सूचीकरण (Self-Enumeration): नागरिकों को एक वेब पोर्टल के माध्यम से अपनी जानकारी खुद दर्ज करने का विकल्प मिलेगा।
जाति आधारित गणना (Caste Enumeration): इस जनगणना में जाति आधारित डेटा को भी शामिल किया जाएगा।
रीयल-टाइम मॉनिटरिंग: ‘जनगणना प्रबंधन और निगरानी प्रणाली’ (Census Management and Monitoring System – CMMS) पोर्टल के माध्यम से पूरी प्रक्रिया की रीयल-टाइम निगरानी की जाएगी।
डेटा सुरक्षा: डेटा को डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (DPDP) अधिनियम के अनुरूप सुरक्षित रखने के लिए मजबूत सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
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दो चरणों में प्रक्रिया
जनगणना 2027 को दो मुख्य चरणों में पूरा किया जाएगा:
| चरण | कार्य | समय अवधि |
|---|---|---|
| पहला चरण | गृह-सूचीकरण और आवास गणना (Houselisting and Housing Census) | अप्रैल से सितंबर 2026 |
| दूसरा चरण | जनसंख्या गणना (Population Enumeration) |
विशेष नोट: लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फीले या गैर-समकालिक (non-synchronous) क्षेत्रों में जनसंख्या गणना सितंबर 2026 में ही पूरी की जाएगी।
मानव संसाधन
- इस विशाल अभ्यास के लिए लगभग 30 लाख फील्ड कर्मचारी (मुख्य रूप से सरकारी शिक्षक) तैनात किए जाएंगे।
- इससे लगभग 1.02 करोड़ मानव-दिवस (man-days) के रोजगार का सृजन होने की उम्मीद है।