Tonsils Symptoms in Hindi: Meaning, Treatment, and Home Remedies | जानें टॉन्सिल के लक्षण, मतलब व घरेलू उपचार हिंदी में


हैल्लो दोस्तों, अगर आप भी टॉन्सिल से परेशान हैं और टॉन्सिल के बारे में जानकारी या इलाज खोजने निकले हैं या आपके गले में एक तरफ या दोनों तरफ तकलीफ हो रही है और आप समझ नहीं पा रहे हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है तो इस ब्लॉग पोस्ट में दी गयी जानकारी आपके लिए है। इस ब्लॉग पोस्ट में आज हम गले में टॉन्सिल के लक्षण Tonsils Symptoms in Hindi, टॉन्सिल का हिंदी में मतलब Tonsils Meaning In Hindi, टॉन्सिल का इलाज Tonsils Treatment In Hindiटॉन्सिल का घरेलू उपचार Tonsils Treatment Home Remedies के बारे में चर्चा करेंगे।

इस ब्लॉग पोस्ट को आखिर तक ध्यान से पढ़ें क्यूंकि इसमें टॉन्सिल के बारे में सभी जानकारी दी गयी है और आखिर में कुछ ऐसे टॉन्सिल को जड़ से खत्म करने का उपाय बताये गए हैं जो आपके गले के लिए तुरंत आरामदायक हो सकते हैं और कुछ दिन के नियमित इस्तेमाल से आपकी टॉन्सिल की परेशानी ठीक हो सकती है। तो आईये अपने ब्लॉग पोस्ट में आगे बढ़ते हैं और जानते हैं टॉन्सिल के बारे में ज़रूरी बातें।

Tonsils Symptoms in Hindi
Tonsils Symptoms in Hindi, Tonsils Meaning in Hindi | टॉन्सिल के लक्षण व टॉन्सिल का घरेलू उपचार

Tonsils Symptoms In Hindi | टॉन्सिल के लक्षण

आमतौर पर गले में तकलीफ कई वजह से हो सकती है, लेकिन मुख्यतः इसका कारण टॉन्सिल हो सकते हैं। जब किसी व्यक्ति के गले में टॉन्सिल का रोग होता है तो उसके गले में एक तरफ या दोनों तरफ बराबर दर्द होता रहता है। टॉन्सिल की वजह से गले में जलन और सूजन हो जाती है तो असहजता के साथ काफी तकलीफ महसूस होती रहती है और खाना-पीना तक दूभर हो जाता है।

आमतौर पर टॉन्सिल से परेशान लोग अंग्रेज़ी दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कई बार अंग्रेज़ी दवाएं पूरी तरह असरकारी साबित नहीं होती है। ऐसे में आप टॉन्सिल का घरेलू उपचार अपना सकते हैं। आईये आगे जानते हैं टॉन्सिल के कुछ मुख्य लक्षणों के बारे में –

गले में टॉन्सिल के लक्षण

  • गले में दर्द और खराश: यदि आपको गले में दर्द और खराश हो रही है, तो यह टॉन्सिल्स के संकेत हो सकते हैं। कभी-कभी यह दर्द बहुत तेज़ हो सकता है और आपके खाने पीने में तकलीफ पैदा कर सकता है।
  • गले में सूजन: अक्सर टॉन्सिल्स के रोग की वजह से गले में सूजन भी हो सकती है, जिसके कारण गले में दर्द और दिक्कत हो सकती है।
  • बुखार और ठंडी: टॉन्सिल्स के बीमारी के समय इसके ज़ोर की वजह से आपको बुखार और ठंड लग सकती है। जब आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता टॉन्सिल के इन्फेक्शन से लड़ रही होती है, तो यह आमतौर पर बुखार के रूप में उभर कर आता है।
  • गले के पीछे लाल या सफेद दाने: यदि आप गले के पीछे लाल या सफेद दानों की समस्या से परेशान हैं, तो यह भी गले में टॉन्सिल के लक्षण हो सकते हैं।
  • जीभ पर फोड़े की तरह दिखने वाले पुंड़: टॉन्सिल्स के इन्फेक्शन के वक्त जीभ पर फोड़े की तरह दिखने वाले पुंड़ हो सकते हैं, जिन्हें आप ब्रश करते समय या खाना खाते समय महसूस कर सकते हैं।
  • पेट में दर्द: कई बार टॉन्सिल्स के इन्फेक्शन की वजह से पेट में भी दर्द हो सकता है, जो कि आपकी सामान्य दिनचर्या पर असर डाल सकता है।
  • निगलने में परेशानी: टॉन्सिल्स के समय गले में निगलने में परेशानी हो सकती है। इससे बहुत असहज महसूस होता है और यह आपके खाने पीने के साथ बढ़ भी सकता है।
  • कान के नीचे दर्द: कान के निचले भाग में दर्द महसूस होना।
  • जबड़ों में सूजन: जबड़ों के निचले हिस्से में सूजन की परेशानी होना।
  • गले में खराश और मुंह से बदबू: गले में खराश का एहसास होना, और मुंह से बदबू आना।
  • कमज़ोरी और थकान: अत्यधिक कमजोरी, थकान और चिढ़चिढ़ापन का महसूस होना।
  • सांस लेने में तकलीफ और लार टपकाना: बच्चों में सांस लेने में तकलीफ होना, और लार टपकाने जैसी समस्याएँ होना।

टॉन्सिल के लक्षण जानने के बाद आईये जानते हैं कि दरअसल टॉन्सिल होता क्या है? ताकि इसको अच्छी तरह से समझा जा सके और इसका बेहतर इलाज किया सके –

What is Tonsil? | टॉन्सिल क्या है?

टॉन्सिल को हिंदी में “तालु” कहा जाता है। ये एक तरह के लारंजियल टिश्यू होते हैं जो हमारे गले के अंदर दोनों तरफ के हिस्सों में स्थित होते हैं। इनका आकार 2.5 सेंटीमीटर लम्बाई में, 2 सेंटीमीटर चौड़ाई में और 1.2 सेंटीमीटर मोटाई में होता है। ये बच्चों और बड़ों दोनों में पाए जाते हैं लेकिन बच्चों में ये अधिक सक्रिय रहते हैं। ये शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा होते हैं और इनका मुख्य काम शरीर को इन्फेक्शन से बचाना होता है, लेकिन जब ये खुद इन्फेक्ट हो जाते हैं, तो स्वास्थ्य के लिए इनका इस्तेमाल कम हो जाता है।

जब हमारा इम्म्यून सिस्टम इन्फेक्ट होता है, तो टॉन्सिल पर भी उसका असर हो सकता है और वे भी बीमार हो सकते हैं, जिससे गले में सूजन और दर्द हो सकता है। जिससे आमतौर पर गले में बहुत खराशें और परेशानी हो सकती है।

Tonsils Meaning In Hindi

टॉन्सिल का हिंदी में मतलब “तालु” होता है, ये हमारे गले में मौजूद दो छोटे ऊतक होते हैं जो हमारे गले के अंदर दोनों तरफ होते हैं; एक ऊपर और दूसरा नीचे। ये तालु या ऊतक हमारे शरीर की रोगों से लड़ने में मदद करते हैं।

अब आईये आगे जानते हैं टॉन्सिल के कारणों के बारे में –

Tonsils Causes In Hindi | टॉन्सिल के कारण  

टॉन्सिल्स के इन्फेक्शन के पीछे कई कारण हो सकते हैं। यहाँ कुछ मुख्य कारण दिए जा रहे हैं जिनसे टॉन्सिल्स का इन्फेक्शन हो सकता है:

गले में टॉन्सिल होने के कारण

  1. वायरल इन्फेक्शन: वायरल इन्फेक्शन टॉन्सिल्स की बीमारी का सामान्य कारण हो सकता है। ज़्यादातर सर्दियों में, वायरसों की वजह से टॉन्सिल्स पर सूजन आने से वे इन्फेक्टेड हो सकते हैं।
  2. बैक्टीरियल इन्फेक्शन: बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी टॉन्सिल्स के इन्फेक्शन की वजह बन सकते हैं। स्ट्रेप थ्रोट नामक बैक्टीरिया की वजह से होने वाले संक्रमण को स्ट्रेप थ्रोट के रूप में जाना जाता है।
  3. इम्म्यून सिस्टम की कमजोरी: कई बार अगर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो, तो आपके टॉन्सिल्स आसानी से प्रभावित होकर इन्फेक्ट हो सकते हैं।
  4. ठंडा और खट्टा खाने से: बहुत ज्यादा ठण्डा खाने या पीने (आइसक्रीम या कोल्ड ड्रिंक) से या फिर ज़्यादा खट्टा खाने से भी टॉन्सिल होने की सम्भावना हो सकती है।
  5. एलेर्जी: कुछ लोगों को एलेर्जी से भी टॉन्सिल्स का इन्फेक्शन हो सकता है। एलेर्जी के कारण गले में सूजन आने की संभावना बढ़ जाती है।
  6. धूल-कीटाणु आदि प्रदूषण: धूल, कीटाणु और प्रदूषण के कारण भी टॉन्सिल्स संक्रमित हो सकते हैं। ये घातक पदार्थ आपके गले में घुसकर इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं।

टॉन्सिल्स के इन्फेक्शन के दूसरे कारण भी हो सकते हैं, लेकिन ऊपर दिए कारण आमतौर पर देखे जाते हैं। अगर आप बार-बार टॉन्सिल होने का कारण परेशान हैं तो जल्द ही अपने डॉक्टर से परामर्श करें। आपके डॉक्टर आपकी व्यक्तिगत स्थिति के हिसाब से आपके टॉन्सिल के कारण का पता करके सही इलाज की सलाह देंगे।

Tonsils Treatment In Hindi | टॉन्सिल का इलाज

टॉन्सिल्स के इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है, क्योंकि इससे आपके लक्षणों का सही इन्वेस्टीगेशन हो सकता है और समय पर उपचार शुरु किया जा सकता है। डॉक्टर आपके लक्षणों की जांच करेंगे और उसके आधार पर आपको दवाओं की सलाह देंगे। वे आपको आपकी परेशानी के हिसाब से ऐसी दवाइयों की सलाह देंगे, जिनसे आपका इन्फेक्शन कम हो सकता है और गले में टॉन्सिल के लक्षणों में सुधार हो सकता है।

Home Treatment For Tonsils | Ayurvedic Treatment For Tonsils

  1. आराम और पर्याप्त नींद: टॉन्सिल्स के इन्फेक्शन के समय आपको पर्याप्त आराम और नींद लेना चाहिए। साथ ही, गरम पानी के गरारे करने और गरम दूध पीने से भी आपको आराम आ सकता है।
  2. गर्म पानी के गरारे करना: गर्म पानी में नमक मिलाकर गरारे करने से गले के इन्फेक्शन में राहत मिल सकती है। यह गले में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
  3. पौष्टिक आहार: आपके खानपान में पौष्टिक आहार शामिल करना भी फायदेमंद होता है। फल, सब्जियाँ, दलिया, सूप, और पानी जैसे पौष्टिक आहार का सेवन करने से आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
  4. दवाइयाँ: डॉक्टर की सलाह पर आपको टॉन्सिल्स के इन्फेक्शन के इलाज के लिए दवाइयाँ दी जा सकती हैं। आमतौर पर, एंटीबायोटिक्स की सलाह दी जाती है जो कि इन्फेक्शन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
  5. उपचार होने के बाद भी सतर्क रहें: जब आपके टॉन्सिल्स के इन्फेक्शन का इलाज हो जाता है, तो भी आपको सतर्क रहने की ज़रुरत है। इन्फेक्शन के दोबारा होने से बचने के लिए हाइजीन का ध्यान रखना व हाथों को साबुन से धोना आदि भी ज़रूरी होता है।

अगर आपके लक्षण (Tonsils Symptoms In Hindi) गंभीर हो रहे हैं या आपके द्वारा अपनाए जा रहे उपायों से आराम नहीं मिल रहा है, तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करना बेहद ज़रूरी है।

टॉन्सिल का घरेलू उपचार | Home Remedies For Tonsils

टॉन्सिल्स के इन्फेक्शन का सही उपचार करना बहुत ज़रूरी है, वरना यह एक बड़ी समस्या का रूप ले सकते हैं। टॉन्सिल का अगर समय पर इलाज न किया जाये तो ये पक जाते हैं और इनमें पस (मवाद) पड़ जाता है और ये बहुत तकलीफदायक हो जाते हैं। इसलिए इनका ठीक से इलाज होना ज़रूरी होता है ताकि आप जल्द से जल्द आरामदायक और स्वस्थ्य जीवन जी सकें। आमतौर पर टॉन्सिल घरेलु उपचार से ठीक हो जाते हैं। टॉन्सिल के घरेलु इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली चीज़े आपके रसोई में ही मिल जायेंगे। टॉन्सिल का घरेलू उपचार (Tonsil Ka Gharelu Upchar) निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:

Home Remedies For Tonsils in Hindi | गले में टॉन्सिल के घरेलू उपचार

  • निम्बू के पानी का गरारा: गरम पानी में नींबू का रस, चुटकी भर नमक, तथा एक चुटकी काली मिर्च मिला कर गरारा करने से टॉन्सिल की तकलीफ में तुरंत आराम मिल सकता है। और इस तरीके को नियमित तौर पर सुबह शाम या सुबह दोपहर शाम कुछ दिन करने से टॉन्सिल की समस्या को ठीक किया जा सकता है।
  • अदरक और शहद: अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर चाटने से गले में सूजन और दर्द से आराम मिलता है। कुछ दिन इसे अपनाने से टॉन्सिल ठीक हो सकते हैं। अदरक और शहद का मिश्रण खांसी की समस्या में भी आराम दे सकता है।
  • फिटकरी का पाउडर: फिटकरी के पाउडर को पानी में उबालकर गरारा करने से भी टॉन्सिल की परेशानी को कम कर आराम पहुंचता है।
  • लहसुन के पानी का गरारा: पानी में 4-5 लहसुन की कलियाँ डाल कर अच्छे से उबाल लें। इस पानी से गरारा करें। यह टॉन्सिल का घरेलू उपचार गले की सूजन और जलन से आराम दिलाता है। इसको नियमित अपनाने से कुछ ही दिन में टॉन्सिल की परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • गरम पानी की बोतल से सिकाई: टॉन्सिल्स के समय गले में दर्द को कम करने के लिए गरम पानी की बोतल का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप दर्द जगह पर गरम पानी की बोतल से सिकाई करके टॉन्सिल की तकलीफ से तुरंत आराम पा सकते हैं।
  • नमक के पानी का गरारा: यह गले में टॉन्सिल के इन्फेक्शन को ठीक करने के लिए दादी नानी का सुझाया हुआ सबसे आम और कारगर तरीका है। तेज गुनगुने पानी में नमक मिलाकर गरारा करने से गले में आयी सूजन कम होती है और तकलीफ में भी तुरंत आराम मिलता है। नमक के पानी के गरारे सुबह शाम नियमित तौर पर करने से गले के टॉन्सिल की परेशानी कुछ ही दिन में ठीक हो सकती है। यह टॉन्सिल को घर पर ही ठीक करने का बहुत ही आसान तरीका है।

टॉन्सिल को जड़ से खत्म करने का उपाय | Tonsils Treatment Home Remedies

टॉन्सिल्स को जड़ से ठीक करने के लिए कुछ घरेलू उपाय आपके लक्षणों को जल्दी कम करने में मदद कर सकते हैं। इन उपायों को करने के लिए इस्तेमाल होने वाली सामग्री अक्सर घरों की रसोई में मौजूद होती है। और चूँकि ये उपाय घरेलु सामग्री से किये जाते हैं तो स्वास्थ्य पर भी कोई नकारात्मक असर नहीं डालते हैं। नीचे कुछ आसान टॉन्सिल्स के लिए घरेलू उपाय दिए गए हैं जिन्हे अपनाकर टॉन्सिल की परेशानी और गले में सूजन (Swollen Tonsils Home Remedies) में आराम पाया जा सकता है:

Swollen Tonsils Home Remedies

  • नमक पानी से गरारा: नमक के पानी के गरारे गले में खराश और टॉन्सिल को ठीक करने का सबसे आसान उपाय हैं। और यह बड़े बूढ़ों का भरोसेमंद इलाज भी है। नमक के पानी से गरारा करना टॉन्सिल्स के इन्फेक्शन को कम करने में मदद कर सकता है। गरारा करने के लिए 1 गिलास गरम पानी में एक छोटी सी छोटी चम्मच नमक मिलाएं और गरारा करें। ध्यान रखें कि पानी इतना गर्म होना चाहिए कि आपके मुहँ को जलाये नहीं। नमक की खारेपन की मदद से सूजन कम हो सकती है और गले का दर्द भी कम हो सकता है। नमक के पानी के नियमित गरारे करने से टॉन्सिल की परेशानी से निजात पायी जा सकती है।
  • हल्दी दूध: हल्दी दूध टॉन्सिल्स के इन्फेक्शन के इलाज में उपयोग किया जाने वाला एक प्राचीन घरेलू उपाय है। 1 गिलास गरम दूध में एक छोटी चम्मच हल्दी मिलाकर पीने से गले में आराम मिल सकता है और इन्फेक्शन का असर कम हो सकता है।
  • तुलसी की चाय: तुलसी की चाय बनाने के लिए तुलसी की पत्तियों को पीसकर पानी में उबाल लें और उसमें नींबू या शहद मिलाएं। यह चाय गले के दर्द को कम करने में मदद कर सकती है और संक्रमण को जड़ से ख़तम करने में सहायक हो सकती है।

टॉन्सिल्स के लिए टेबलेट नाम | टॉन्सिल्स के लिए टेबलेट नाम English

टॉन्सिल्स के इलाज में डॉक्टर आपको उपयुक्त दवाइयों की सलाह देंगे, जो आपके लक्षणों (Tonsils Symptoms In Hindi) को कम करने में मदद कर सकती हैं। कुछ ऐसी दवाइयाँ हैं जो टॉन्सिल्स के इन्फेक्शन के इलाज में इस्तेमाल होती हैं। हालाँकि यह सिर्फ जानकारी के मकसद से यहाँ दी जा रही हैं और हम बिना डॉक्टर के परामर्श के किसी भी दवाई का इस्तेमाल करने की सलाह नहीं देते हैं। किसी भी दवाई का इस्तेमाल करने से पहले आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना बहुत ज़रूरी है।

  • टॉन्सिल्स के लिए टेबलेट: डॉक्टर आपको आराम प्रदान करने के लिए एंटीबायोटिक्स की सलाह दे सकते हैं, जैसे कि अमोक्सिसिलिन, एजिथ्रोमाइसिन आदि। ये दवाएँ इन्फेक्शन को कम करने में मदद कर सकती हैं।
  • पेनिसिलिन: यह भी एक तरह की एंटीबायोटिक है जो इन्फेक्शन के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकती है। अपने डॉक्टर की सलाहानुसार ही इसका सेवन करें।
  • एंटीइन्फ्लेमेटरी दवाएँ: गले की सूजन और दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर आपको आईबुप्रोफेन या पैरासिटामोल जैसी एंटीइन्फ्लेमेटरी दवाओं की सलाह भी दे सकते हैं।
  • बीटाडीन गार्गल: आपके टॉन्सिल के इन्फेक्शन की कंडीशन के हिसाब से गले में दर्द और खराश को कम करने के लिए डॉक्टर आपको बीटाडीन गार्गल से गरारे करने की सलाह दे सकते हैं। बीटाडीन गार्गल को डॉक्टर की सलाहनुसार पानी में मिलाकर उससे गरारे करने से पके हुए टॉन्सिल में भी आराम मिल सकता है। और इसका नियमित इस्तेमाल करने से कुछ दिन में टॉन्सिल की परेशानी दूर हो सकती है।
  • विटामिन सी सप्लीमेंट्स: विटामिन सी इन्फेक्शन से लड़ने की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकता है।

नोट: कृपया ध्यान रखें कि इन दवाओं के साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं। अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए, किसी भी दवाई का सेवन सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही करें। आपके इन्फेक्शन की गंभीरता और लक्षणों के हिसाब से ही डॉक्टर आपको उपयुक्त दवाओं की सलाह देंगे।

Tonsils Symptoms In Hindi (Video)

गले में टॉन्सिल के लक्षण, गले में इन्फेक्शन, गले का दर्द जड़ से ठीक | Video Credit: Dr Bhushan Research Lab, Video Link

Tonsils Symptoms In Hindi FAQ

टॉन्सिल कितने दिन में ठीक होता है?

टॉन्सिल का इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक होता है यह साफतौर पर बता पाना मुश्किल है। क्यूंकि टॉन्सिल के इलाज और ठीक होने की समय सीमा इंफेक्शन के प्रकार, गंभीरता और व्यक्तिगत स्वास्थ्य के हिसाब से अलग अलग हो सकती है। सामान्यत: टॉन्सिल्स के लक्षणों में सुधार आने में आमतौर पर कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक का समय लगता है। यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य, उम्र, और इंफेक्शन के प्रकार पर भी निर्भर कर सकता है।

जब भी आपको गले में टॉन्सिल के लक्षण (Tonsils Symptoms In Hindi) महसूस हों, तो डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर ही आपके इन्फेक्शन के प्रकार, गंभीरता, और उपचार के आधार पर आपको सही समय बता सकते हैं कि आपके टॉन्सिल्स कितने दिनों में ठीक हो सकते हैं।

टॉन्सिल का ऑपरेशन कब होता है?

टॉन्सिल्स के लक्षण गंभीर होने पर और जब घरेलु उपचार या दवाओं से ठीक नहीं होते हैं, तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। आमतौर पर सर्जरी की सलाह तब दी जाती है जब:
— टॉन्सिल्स बार-बार इन्फेक्टेड हो रहे हों,
— टॉन्सिल्स के इन्फेक्शन में सुधार नहीं हो रहा हो,
— टॉन्सिल्स के इन्फेक्शन के कारण बच्चे की रोशनी में कमी हो रही हो।
— अगर आपके टॉन्सिल के इन्फेक्शन की स्थिति बहुत बिगड़ जाती है और यह आपके दैनिक जीवन को प्रभावित कर रहा है, तो डॉक्टर आपको ऑपरेशन की सलाह दे सकते हैं।
— अगर आपके टॉन्सिल्स का इन्फेक्शन बहुत ज़्यादा है और गर्मियों में और ज़्यादा बढ़ जाता है, तो डॉक्टर ऑपरेशन की सलाह दे सकते हैं।
— अगर आपके टॉन्सिल्स के इन्फेक्शन के कारण बार-बार दर्द हो रहा है या आपको सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो डॉक्टर ऑपरेशन की सलाह दे सकते हैं।

आपके डॉक्टर आपके टॉन्सिल के लक्षण (Tonsils Symptoms In Hindi) की जाँच करेंगे औरअगर वे मानते हैं कि ऑपरेशन ज़रूरी है, तो वे आपको सबसे अच्छे तरीके से आगे बढ़ने की सलाह देंगे। यदि आपको ऑपरेशन की सलाह दी जाती है, तो आपको डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए और सभी प्रक्रियाएँ सही तरीके से करनी चाहिए जिससे कि भविष्य में होने वाली बड़ी हानि से बचा जा सके।

टॉन्सिल्स के इन्फेक्शन में क्या खाना चाहिए?

टॉन्सिल्स के समय खाने पीने का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है। आपको ठंडे, खट्टे, और तले हुए खानों से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा आहार आपके गले की परेशानी को बढ़ा सकता है। इन्फेक्शन के समयआपको पौष्टिक आहार जैसे कि सूप, दलिया, खिचड़ी, फल, और सब्जियाँ आदि खाने की सलाह दी जाती है। अगर आपके टॉन्सिल पक गये हैं और उनमें तकलीफ बढ़ गयी है तो हल्का गुनगुना सूप और दलिया खाने से आपके गले के दर्द में राहत मिल सकती है, क्यूंकि सूप और दलिया निगलने में आसानी होगी और आपके शरीर को पोषण भी मिलेगा।

What is the meaning of tonsils in hindi?

टॉन्सिल हमारे गले के अंदर छोटे ऊतक जैसे होते हैं। ये दो छोटे ऊतक हमारे गले के ऊपरी हिस्से और निचले हिस्से में होते हैं। ये हमारे शरीर की बीमारियों से रक्षा के लिए ज़रूरी होते हैं और शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।
वे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा होते हैं जो हमें बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।
इसके साथ ही, ये टॉन्सिल खाना पीना गले तक पहुंचने में मदद करते हैं। इस तरह, टॉन्सिल हमारे शरीर की रक्षा के काम आते हैं और हमें स्वस्थ रहने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

Tonsils Symptoms In Hindi Conclusion

इस ब्लॉग पोस्ट में हमने टॉन्सिल्स के लक्षण (Tonsils Symptoms In Hindi), टॉन्सिल का मतलब (Tonsils Meaning In Hindi), टॉन्सिल का घरेलू उपचार (Home Remedies For Tonsils) और टॉन्सिल को जड़ से खत्म करने का उपाय (Tonsils Treatment Home Remedies) के बारे में चर्चा की है। यह ब्लॉग पोस्ट सिर्फ टॉन्सिल के बारे में जानकारी देने के मकसद से लिखी गयी है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम कोई भी मेडिकल सलाह देने का दावा नहीं करते हैं और नाही किसी दवाई या खरेलु इलाज को बिना डॉक्टर की मर्ज़ी के इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। अगर आपको टॉन्सिल्स के बारे में कोई शक हो या आपके लक्षण गंभीर हो रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर की सलाहनुसार सही उपायों का पालन करके आप जल्द ही स्वस्थ्य और आरामदायक जीवन का आनंद उठा सकते हैं।


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